मौत का सौदागर या महान आविष्कारक | Inspirational Story of Alfred Nobel  in hindi

1888 की बात है, एक व्यक्ति सुबह-सुबह उठ कर अखबार पढ़ रहा था, तभी अचानक उसकी नज़र एक “शोक – सन्देश ” पर पड़ी। वह उसे देख दंग रह गया , 

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                                                 Inspirational Story of Alfred Nobel  in hindi


क्योंकि वहां मरने वाले की जगह उसी का नाम लिखा हुआ था। खुद का नाम पढ़कर वह आश्चर्यचकित तथा भयभीत हो गया। उसे यकीन नहीं हो रहा था कि अखबार ने उसके भाई लुडविग की मरने की खबर देने की जगह खुस उसके मरने की खबर प्रकाशित कर दी थी। खैर, उसने किसी तरह खुद को समभाला, और सोचा, चलो देखते हैं की लोगों ने उसकी मौत पर क्या प्रतिक्रियाएं दी हैं।
उसने पढ़ना शुरू किया, वहां फ्रेंच में लिखा था, “”Le marchand de la mort est mort” यानि, “मौत का सौदागर” मर चुका है
यह उसके लिए और बड़ा आघात था, उसने मन ही मन सोचा , ” क्या उसके मरने के बाद लोग उसे इसी तरह याद करेंगे?

यह दिन उसकी ज़िन्दगी का Turning Point बन गया, और उसी दिन से डायनामाइट (Dynamite) का यह अविष्कारक विश्व शांति और समाज कल्याण के लिए काम करने लगा। और मरने से पहले उसने अपनी पूरी संपत्ति उन लोगों को पुरस्कार देने के लिए दान दे दी जो विज्ञान और समाज कल्याण के क्षेत्र में उत्कृष्ट काम करते हैं।


उस महान व्यक्ति का नाम था, ऐल्फ्रेड बर्नार्ड नोबेल (Alfred Bernhard Nobel), और आज उन्ही के नाम पर हर वर्ष “नोबेल पुरस्कार ” दिए जाते हैं। आज कोई उन्हें “मौत के सौदागर के रूप” में नहीं याद करता बल्कि हम उन्हें एक महान वैज्ञानिक और समाज सेवी के रूप में याद किया जाता है। उनके बनाये एक TRUST द्वारा  प्रति वर्ष  (1) भौतिकी, (2) रसायन, (3) शरीर-क्रिया-विज्ञान वा चिकित्सा, (4) आदर्शवादी साहित्य तथा (5) विश्वशांति के क्षेत्रों में सर्वोत्तम कार्य करनेवालों को पुरस्कार दिया जाता है। ये पुरस्कार नोबेल पुरस्कार कहलाते हैं। सन् 1901 से नोबेल पुरस्कार का देना आरंभ हुआ है।

जीवन एक क्षण भी हमारे मूल्यों और जीवन की दिशा को बदल सकता है, ये हमें सोचना है कि  हम यहाँ क्या करना चाहते हैं? हम किस तरह याद किये जाना चाहते हैं?  और हम आज क्या करते हैं यही निश्चित करेगा की कल हमें लोग कैसे याद करेंगे!

 इसलिए, हम जो भी करें सोच-समझ कर करें, कहीं अनजाने में हम “मौत के सौदागर” जैसी यादें ना छोड़ जाएं!!!




लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद् ||




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