माँ प्यार और त्याग का प्रतीक | Mother Epitome of Love and Sacrifice Inspirational Hindi Story | Mother's Day 2020 Special

विजय अपनी पूरी जिंदगी में सबसे ज्यादा से जिस से नफरत करता था वो थी उसकी अपनी  "माँ" , हाँ वो सिर्फ और सिर्फ अपनी माँ से सबसे ज्यादा नफ़रत करता था अब आप सोच रहे होंगे विजय अपनी ही माँ से सबसे ज्यादा नफ़रत क्यों करता था ?
आज हम आपको माँ बेटे की एक Inspirational Hindi Story सुनाने जा रहा हूँ आशा है  Mother's Day 2020 पर यह Story आपको पसंद आये |

Mother's day 2020 special Inspirational Story in Hindi
Mother's Day 2020 


Mother's Day 2020 उस इंसान के लिए एक दिन है जिसने हमे जीवन भर के हर दिन दिये है और वो इंसान है "माँ"     
बढ़ते है आज की Story की तरफ ...

विजय अपनी माँ से नफरत करता था क्योंकि उसकी माँ के पास सिर्फ एक आँख थी जिस कारण से वह औरों की तरह सुंदर नहीं दिखती थी और विजय को हमेशा इस बात के लिए शर्मिंदा होना पड़ता था | उसकी माँ बाजार में एक छोटी सी दुकान लगाकर जानवरों के लिए घास बेचती थी जिस से कुछ पैसे मिल जाते थे और ये गरीबी विजय के लिए अपनी माँ से नफरत का दूसरा कारण भी था |

और तभी एक और शर्मिंदगी भरा दिन आया , विजय के स्कूल  में Annual Function था जिसमे सभी के माता पिता आये हुए थे तभी विजय की माँ भी पहुँच गयी उससे एक आँख के साथ स्कूल में देख कर विजय को बहुत गुस्सा आया और वह वहां से भाग गया , अगले दिन स्कूल में सभी विजय से उसकी माँ के बारे में पूछ रहे थे कि तुम्हारी माँ के पास तो सिर्फ एक आँख ही है और ये बाते विजय को तानो की तरह लग रही थी
 विजय मन ही मन ये सोचता हुआ घर आये कि काश कुछ ऐसा हो जाता की माँ दुनिया से ही गयब हो जाती और ये सोचते हुए घर पहुचा और पहुँचते ही माँ से पूछा ,"माँ , तुम्हारी दूसरी आँख क्यों नहीं है, तुम्हारी वजह से कितनी शर्मिंदगी उठानी पडती है मुझ पर हँसते है, इससे तो अच्छा होता तुम मर ही जाती | माँ ने विजय की इस बात पर कोई जवाब नही दिया | पहले तो ये सब कहने पर विजय को कुछ बुरा लग परन्तु साथ ही साथ  विजय आज अब कुछ खुश था क्योकि उसके मन में जो भी था आज उसने वो सब कह डाला था और माँ ने इसके लिए उसे कोई सजा भी नहीं थी | और उसको इस बात का जरा सा भी अंदाजा नहीं था की ये सब कह कर उसने अपनी माँ की Feelings को कितना Hurt किया था |

Mother's Day 2020 Special / Mother's Day Date 2020 

उसी रात को जब वह पानी पीने के लिए उठा और गिलास लेते के लिए Kitchen में गया | तो देखा उसकी माँ रात के अँधेरे में रो रही थी और रोते हुए साड़ी से अपने मुंह को दबा रखा था शायद ये सोच कर की कही रोने की आवाज से उसके बेटे की नींद न खुल जाये |

ये देख के विजय चुप चाप ये सोचते हुए वापस आ गया की वो एक सफल इंसान बनेगा और इस एक आँख वाली माँ और गरीबी को छोड़ कर कही दूर निकल जायेगा  क्योकि इन दोनों से ही उसे नफरत है|
और सच में विजय ने बहुत Hard Work किया। और  फिर अपनी माँ को शहर आ गया वहां उसने पढाई की एक बड़ी कम्पनी में नौकरी की और फिर वही शादी कर ली और उसके एक बेटी भी हुयी वो दिन प्रति दिन अब बहुत खुश था और उसकी पुरानी जिंदगी अब उसे परेशान नहीं कर रही थी क्योंकि अब यहाँ ना एक आँख वाली माँ थी और न गरीबी |

उसकी ख़ुशी दिन के साथ बढ़ रही थी एक दिन अचानक जब वो TV देख रहा था तभी दरवाजे पर कोई आया, कौन ?
सामने खड़ी महिला को देख कर उसके पावों तले से जमीन निकल गयी थी उसको लगा उसके ऊपर आसमान गिर गया है क्योंकि  सामने उसकी माँ थी पर उसने खुद को सम्भाला और उन्हें पहचाने से इंनकार कर दिया कहा कौन है आप ? मैं आपको नहीं जानता यहाँ से चली जाईये आपकी एक आँख को देख कर मेरी बेटी डर रही है |
ये सब सुन कर माँ बोली बेटा शायद मुझे गलत पता मिल गया है माफ़ करना और इतना कह कर चली गयी ?
वो खुश था की अब उसकी माँ इधर कभी नही आयेगी और मन ही मन कहा, "अच्छा हुआ उसने मुझे पहचाना नहीं |" विजय ने खुद से कहा अब वह अपनी जिंदगी के पल के बारे में कभी नहीं सोचेगा |

और वह फिर से एक सुकून भरी जिंदगी जीने लगा ... तभी एक दिन गाँव से एक Letter आया ये Letter School Reunion के लिए था उसने पत्नी से Business Trip का झूठा बहाना बना कर गाँव के स्कूल गया वहां पुराने दोस्तों से  मिल कर  अपनी कमियाबी के किस्से सुना कर उसे बहुत अच्छा लग रहा था उसने सोचा जब आया यूँ तो क्यों न अपने पुराने मकान को देखता चलूँ और ये सोच कर School reunion के बाद वो अपनी झोपडी की तरफ चला गया वहा उसने  झांक कर देखा तो उसकी माँ मिट्टी की जमी पर गिरी पड़ी थी उसने अंदर जा कर देखा तो उसके हाथो में एक पत्र था उसमें लिखा था  लिखा-



मेरे प्यारे बेटे,


मुझे लगता है मेरी ये लम्बी जिंदगी अब बहुत हो चुकी है और अब में बार बार शहर के चक्कर नही लगा सकती.. परन्तु ज्यादा कुछ नहीं बस इतना चाहती थी कि तुम मुझ से मिलने आओ , मुझे तुम्हरी बहुत याद आती है और मैंने जब ये सुना की तुम स्कूल के कार्यक्रम में आने वाले हो तब मैं बहुत खुश हुई पर ये सोच कर स्कूल नहीं गयी कही फिर से तुम्हे मेरी वजह से शर्मिंगी ना उठानी हो, क्योकि मेरे पास सिर्फ एक आँख है एक रोज तुमने मुझसे मेरी एक आँख के बारे में पूछा था उसके बारे में आज बताती हूँ ,

एक बार जब तुम बहुत छोटे थे, तब एक गाडी से तुम्हारा Accident हो गया था और उस Accident में तुम अपनी आँख खो बैठे थे , पर क्योंकि मैं एक माँ थी तुम्हे एक आँख के साथ बड़े होता नहीं देख सकती थी बहुत से प्रयास के बाद जब तुम्हारी आंख नहीं ठीक हो सकी तो मैंने तुम्हे अपनी आँख देने का निश्चय किया ये सोच कर की मैं जो एक आँख से ना देख पाऊँगी वो तुम्हारी आँखों से देख लुंगी, तुमने जो किया उसके लिये मुझे तुमसे कोई नाराजगी नहीं है तुम अगर कभी गुस्सा भी होते थे तो भी मुझे बुरा नहीं लगता था क्योकिं मैं तो तुमसे बहुत प्यार करती हूँ बेटे, मुझे वो दिन हमेशा याद आते है जब तुम छोटे से थे |
मैं तुम्हे बहुत याद करती हूँ मैं तुम्हे बहुत प्यार करती हूँ, तुम ही मेरी पूरी दुनिया हो |  

ये पत्र पढ़ कर तो मानो विजय की पूरी दुनिया ही बिखर गयी क्योंकि वो जिस से इतनी नफरत करता था वो तो सिर्फ उसकी ख़ुशी के लिए ही जी रही थी, विजय अपनी माँ के लिए बहुत रोया , उसके अपने इस बुरे व्यवहार के लिए खुद से नफरत हो रही थी पर अब समय हाथ से निकल चूका था |

लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद् ||



____Happy Mother's Day 2020_____
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