लोगों की मदद करने की एक सीमा। A limit of Helping people
कुछ दिन पहले ही स्टीव का एक कार एक्सीडेंट हुआ था। वैसे उसे तो कोई खास चोट नहीं आयी पर उसकी कार को काफी नुकसान हुआ ,इसलिए उन्होंने मरम्मत कार्य को करने के लिए अपनी कार को गैरेज में रख दिया।
चूंकि उन्हें रोज़ाना नौकरी पर जाना होता था, इसलिए उन्होंने तय किया कि जब तक कार पूरी तरह तैयार नहीं हो जाती, तब तक वह मेट्रो सफर करेंगे। एक दिन, उन्होंने रात में स्टेशन पर एक बेघर आदमी को देखा। उसे उस पर दया आ गई, इसलिए उसने उसे अपनी जेब से कुछ पैसे निकाल कर दे दिया।
बेघर आदमी ने इसके लिए उसका धन्यवाद दिया। अगले दिन फिर, उसने उसी जगह पर बेघर आदमी को देखा। इस बार स्टीव उसे कुछ खाने के लिए देना चाहता था , इसलिए वह स्टेशन के बाहर गया और उसे खाना खिलाया । बेघर आदमी ने उसकी दया के लिए धन्यवाद दिया। परन्तु स्टीव ने उत्सुकतावश उससे पूछा, "आप इस हाल पर कैसे पहुंचे?"
बेघर आदमी ने उसे देखा और एक मुस्कुराहट के साथ, उससे कहा, "अधिक प्यार के कारण।" स्टीव को यह समझ में नहीं आया, इसलिए उसने उससे पूछा, "इसका क्या मतलब है?" बेघर आदमी ने जवाब दिया कि "मेरी पूरी जिंदगी, मैंने इस बात का ध्यान दिया कि हर कोई खुश रहे।मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था कि मेरी जिंदगी में क्या सही हो रहा था या क्या गलत , मैंने हमेशा सभी की मदद की, कभी अपने बारे में नहीं सोचा ”
स्टीव ने उससे पूछा, "क्या आपको इसके लिए पछतावा है?"
बेघर आदमी ने जवाब दिया, "नहीं, यह मुझे बस अन्दर ही अन्दर दुखी करता है कि जिन लोगों को मैंने अपने शरीर से शर्त तक निकाल कर दे दी , वे मुझे जरूरत पड़ने पर उसी शर्ट की एक आस्तीन तक नहीं दे सकते थे ।बेघर आदमी ने आगे कहा," अपना घर बना कर किसी को रहने के लिए आमंत्रित करना बेहतर है बजाय इसके कि उसको वह सारी ईंटें दे दी जाए जो आप अपना घर बनाने के लिए लाये हैं|
क्योंकि एक दिन जब आप घूमते हुए उस जगह को देखेंगे जहां आप अपना घर बनाने का plan कर रहे थे | वहां सिर्फ एक खाली प्लाट होगा। आप फिर ईंटों की तलाश में लगे रहेंगे। ”
स्टीव समझ गया कि उस बेघर आदमी का क्या मतलब है और इस अच्छी सलाह के लिए वह उस आदमी का पूरे दिल से आभार व्यक्त किया।
दूसरों की मदद करना कोई बुरी बात नहीं है। लेकिन कभी-कभी, जब हम दूसरों की मदद कर रहे होते हैं, तो हम अपनी समस्याओं और जरूरतों को भूल जाते हैं। यह याद रखना चाहिए कि कभी-कभी कुछ चीजे किसी को पूर्ण रूप से दे देने से बेहतर हम उसे उस व्यक्ति से सिर्फ शेयर करे। मदद करते हुए आप खुद की समस्याओं और परिस्थितियों पर ध्यान ना देकर खुद को कमजोर बनाते जा रहे हैं तो आप मुर्खता कर रहे हैं आप सबल बन कर अधिक लोगो की मदद कर सकते हैं, अत मदद करने की सीमा निश्चित रखे |
एक और बात हमेशा याद रखे
यदि आप किसी व्यक्ति की आवश्यकता से अधिक मदद करते हैं तो वह व्यक्ति आपको मुर्ख समझने लगता हैं और आपके द्वारा की जाने वाली मदद या सहायता को वह अपना हक समझने लगता हैं जो उसके और आपके दोनों के लिए ही हानिकारक हैं |
I hope, मैं इस post के माध्यम से जो कहना चाहता था वो विचार पूर्ण हो गया होगा और आपको "A limit of Helping people in hindi" पसन्द आयी होगी । लोगो की कितनी मदद करनी चाहिए शायद ये भी अब आपको अच्छे से समझ आ गया होगा तो कृपया इसे अपने मित्रो से Share करे ताकि वह आपको मुर्ख न समझे और आपकी मदद को अपना हक न समझ बैठे।
लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद् ||
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